दिल्ली ब्यूरों/ भाजपा की सरकार और संगठन में, विपक्षी दलों में और मीडिया में इस समय भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरूण गांधी के ट्वीट को लेकर चर्चा जोरों पर हैं. भाजपा में लंबे समय से उपेक्षित चल रहे भाजपा के इस सांसद ने मोदी सरकार और उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया हैं. वरूण गांधी के ट्वीट बता रहे है कि उनका भाजपा से मोह भंग होने के साथ उनका सब्र का बांध भी टूट गया हैं और अब वह मोदी और शाह से दो दो हाथ करने का मन बना चुके हैं. फिलहाल भाजपा के किसी भी प्रवक्ता या नेता ने वरूण गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. भाजपा के सूत्र बताते है कि पार्टी हाईकमान ने फिलहाल वरूण गांधी पर चुप्पी साध ली हैं. पार्टी हाईकमान वरूण के अगले कदम का इंतजार कर रहा हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता की माने तो वरूण गांधी के लिए भाजपा में अब कुछ नहीं बचा हैं. वरूण गांधी को आने वाले आमचुनाव में पार्टी सांसद जरूर बना देती, लेकिन वरूण के रूख से साफ है कि वह अगला चुनाव भाजपा के बैनर तले नहीं लड़ने का मन बना चुके हैं.
क्या हो सकता है वरूण का अगला कदम
वरूण गांधी के रूख से साफ है कि वरूण अब अपने लिए अलग राह तैयार कर रहे है, लेकिन वरूण गांधी का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तरप्रदेश की राजनीति को समझने वाले नेता का आकलन है कि वरूण के लिए उत्तरप्रदेश मेे अपनी पार्टी बनाना आसान नहीं होगा. उत्तरप्रदेश की जातिप्रभाव की राजनीति मे वरूण गांधी फीट नहीं बैठते हैं, वरूण अपनी पार्टी बनाकर विपक्षी दलों के सहयोग से खुद भले ही सांसद बन जाए, लेकिन अपनी पार्टी को भाजपा के लिए चुनौती के रूप में पेश कर सके इसकी संभावना न के बराबर हैं. उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार का भी आकलन है कि वरूण के लिए पार्टी बनाने का विचार मंहगा साबित होगा. विधानसभा चुनाव में 50 दिन से भी कम का समय है, ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में वरूण के लिए कोई संभावना नहीं बची हैं, लोकसभा चुनाव में 2 साल का समय है. वरूण गांधी अपनी पार्टी बना भी ले तो भी लोकसभा चुनाव में मोदी को किसी तरह नुकसान पहुचा सके इसकी संभावना नहीं हैं.
क्या कांग्रेस का यूपी में चेहरा बन सकते हैं वरूण
वरूण के लिए दूसरी संभावना कांग्रेस के साथ जाने की हैं. जानकारों का आकलन है कि वरूण गांधी कांग्रेस में जाकर उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के लिए कुछ राहत दे सके इसकी संभावना नजर नहीं आती. गांधी परिवार को करीब से जानने वाले नेता का मानना है कि वरूण गांधी और राहुल गांधी के बीच सामान्य बातचीत भी नहीं है, ऐसे में कांग्रेस वरूण को भाव दे, ऐसा लगता नहीं हैं.
क्या आप पार्टी के साथ जा सकते हैं वरूण गांधी
वरूण गांधी के लिए तीसरा विकल्प आम आदमी पार्टी हो सकती हैं, आप पार्टी को भी उत्तरप्रदेश मे किसी बड़े चेहरे की तलाश हैं. उत्तरप्रदेश की राजनीति को करीब से देखने वाले राजनीतिक विश्लेषक भी वरूण गांधी और आप के कॉम्बिनेशन को आप पार्टी और वरूण दोनों के लिए फायदेमंद मानते है. हालाकि अभी तक ऐसे कोई संकेत नाही आप पार्टी ने दिए है और नाही वरूण गांधी ने की उनके बीच कोई खिचड़ी पक रही हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहे है वरूण गांधी
वरूण गांधी के करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वरूण गांधी यूपी विधानसभा चुनाव के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. वरूण गांधी जो भी पत्ते खोलेंगे वह यूपी चुनाव के बाद ही खोलेंगे. फिलहाल वरूण यूपी विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की राह देख रहे है, उसके बाद वह अपने राजनीतिक कदम को लेकर निर्णय लेंगे.
राजनीति अवसरवादिता का खेल हैं. वरूण गांधी अपने लिए अवसर कहा देख रहे है,उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता. वरूण ने अभी पत्तें नहीं खोले हैं, भाजपा भी उनके पत्तें खोलने का इंतजार कर रही हैं.
वरूण गांधी जहा भी जाएं, लेकिन यह तय है कि भाजपा में उनकी राजनीति को पूर्ण विराम लगभग लग गया हैं. वरूण अपनी अगली पारी कहा से शुरू करते है,यह देखना दिलचस्प होगा और इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.