सचिन पायलट के कांग्रेस से विद्रोह के बाद भी सचिन पायलट और बीजेपी में अभी तक खिचड़ी नहीं पक सकी है। सचिन पायलट और बीजेपी के बीच तालमेल न होने के कई कारण है। सचिन पायलट को लेकर भाजपा उत्साहित नहीं है। राजस्थान में सचिन पायलट के खुले विद्रोह के बाद भी बीजेपी फ्रंट फुट पर खेलनें से बच रही है। लेकिन क्या कारण है कि भाजपा ने सचिन पायलट को लेकर वह उत्साह नहीं दिखाया जो मध्यप्रदेश में सिंधिया के लिए दिखाया था।
दिल्ली ब्यूरों/ राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान और सचिन पायलट के खुले विद्रोह के बाद गहलोत सरकार संकट में है। भाजपा की पूरी नजर राजस्थान की सियासी हलचल पर है। प्रदेश भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व को प्रदेश के हालात की जानकारी पहुचा रहा है। लेकिन क्या कारण है कि भाजपा ने सचिन पायलट को लेकर वह उत्साह नहीं दिखाया जो मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए दिखाया था।
पायलट ने बगावत के पहले भाजपा से संपर्क नहीं किया था
राजस्थान भाजपा के नेता ने आरएसएस बीजेपी न्यूज से से कहा कि सचिन पायलट पार्टी से विद्रोह करनें से पहले भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से संपर्क नहीं किया था। यहा तक की सचिन ने भाजपा प्रदेश के नेताओं से भी बात नहीं की। ऐसे में भाजपा का खुलकर सचिन का साथ देना संभव नहीं था।
सचिन पायलट और बीजेपी के बीच सिंधिया कड़ी के रूप में
भाजपा के सूत्र बतातें है कि सचिन पायलट और बीजेपी के बीच कड़ी का काम पूर्व कांग्रेसी और सचिन पायलट के दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे है। सचिन पायलट की अभी तक भाजपा अध्यक्ष नड्डा और पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री शाह से बीजेपी में आने को लेकर कोई ठोस बातचीत नहीं हुई है।
सचिन के साथ खड़े कई विधायक भी भाजपा के साथ जानें को तैयार नहीं
सचिन पायलट के करीबी नेता का कहना है कि कई कांग्रेस के विधायक भाजपा से दूर रहकर अलग पार्टी बनानें की वकालत कर रहे है। ऐसे में सचिन अगर भाजपा का रूख करतें है तो उनके कई समर्थक उनका साथ छोड़ सकतें है।
पायलट को भाजपा में लानें के लिए वसुंधरा को भरोसे में लेना होगा
सचिन पायलट की राह भाजपा में आसान नहीं होगी। सचिन पायलट भाजपा का रूख करतें है तो उसके लिए पहले राजस्थान की कद्दावर भाजपा नेता वसुंधरा राजें को तैयार करना होगा। भाजपा इस बात को समझती है कि वसुंधरा के साथ तालमेंल बिठाना सचिन के लिए आसान नहीं होगा और वसुंधरा को मनाना भी आसान नहीं होगा।
पायलट को सरकार गिराने लायक विधायक जोड़ने होंगे
भाजपा सूत्र बतातें है कि भाजपा राजस्थान की लड़ाई को पायलट बनाम बहलोत के रूप में ही फिलहाल रखना चाहती है। भाजपा सचिन की ताकत को तौलना चाहती है। अगर पायलट गहलोत सरकार गिरानें लायक बहुमत जुटा लेतें है तो भाजपा पायलट को महत्व देकर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए सक्रिय होगी। यदि पायलट के विद्रोह के बाद भी गहलोत सरकार बच जाती है तों भाजपा पायलट को ज्यादा महत्व नहीं देगी।
वसुंधरा आज पहुचेंगी जयपुर
राजस्थान के सियासी उठापटक पर आगामी रणनीति को तय करने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता वसुंधरा राजे आज जयपुर आ सकती हैं। वे यहां पार्टी कार्यालय पहुंचेंगी। राजे की मौजूदगी में ही पार्टी आगे की रणनीति पर विचार करेगी। इसके पहले मंगलवार देर रात पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर राजस्थान भाजपा कार्यलय पहुंचे।
सचिन के रूख का इंतजार करेंगी भाजपा
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अभी पायलट के अगलें कदम और स्पष्ट् रूख का इंतजार कर रही है। भाजपा इस मौके को खोना भी नहीं चाहती है, लेकिन खुद होकर कदम बढानें को भी तैयार नहीं है। राजस्थान भाजपा के नेता केन्द्र के नेताओं के निर्देशों का इंतजार कर रहें है।
भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने फिलहाल वैट एंड वॉच की रणनीति अपनानें का निर्णय लिया है।