दिल्ली ब्यूरों/ राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार से और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अब सचिन पायलट के पास भाजपा का दामन थामने और तीसरे विकल्प को बनानें के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। पायलट के करीबी सूत्र बतातें है कि भाजपा से उपयुक्त प्रस्ताव न मिलने पर सचिन पायलट राजस्थान में नई पार्टी का गठन कर सकतें है। लेकिन पायलट के लिए यह आसान नहीं होगा, क्योकि राजस्थान में पहले भी ऐसे प्रयास हुए थे, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
किरोड़ी लाल मीणा ने बनाई थी राजपा
बीजेपी से बगावत कर किरोड़ी लाल मीणा ने राजपा का गठन किया था। मीणा ने 2013 के चुनाव में अधिंकाश सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन मीणा के पार्टी को सिर्फ 4 सीटें मिली थी। पार्टी को खड़ी करने में असफल रहने के बाद मीणा भाजपा मेे लौट आए थें।
दीनदयाल वाहिनी
राजस्थान के ब्राम्हण और भाजपा के कद्दावर नेता घनश्याम तिवाड़ी ने भी बीजेपी छोड़कर दीनदयाल वाहिनी का गठन किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में तिवारी खुद सांगानेर से चुनाव हार गए थे। पार्टी खड़ी करने में असफल होने के बाद तिवारी कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
हनुमान बेनीवाल ने बनाई रालोपा
वसुधंरा से खफा होकर भाजपा के नेता हनुमान बेनीवाल ने 2018 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में बेनीवाल की पार्टी को सिर्फ 3 सीटें मिली थी।
विधायकों से चर्चा कर रहें है पायलट
सूत्र बतातें है कि सरकार और संगठन से बाहर होने के बाद पायलट अगले कदम के लिए अपने समर्थकों से चर्चा कर रहें है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पायलट को भाजपा में आने पर उनका सम्मान बनाए रखने का भरोसा दिया है। फिलहाल पायलट उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार कर रहें है। पायलट के करीबी नेता की मानें तो भाजपा से मिलें प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
आज शाम ले सकतें है फैसला
सचिन के करीबी विधायक की माने तो सचिन पायलट अपने अगली रणनीति का खुलासा आज देर रात कर सकतें है। इस बात की संभावना है कि आज देर रात सचिन भाजपा का दामन थामने की घोषणा कर सकतें है।