दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के सर्वाच्च निति निर्धारक संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक 11 मार्च से 13 मार्च तक अहमदाबाद में आयोजित होने जा रही हैं. इस बैठक में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ साथ संघ के अनुषागिंक संगठन के प्रमुख भी शामिल होंगेर. इस बैठक में आगामी वर्षों के लिए विभिन्न योजनाओं और निर्णयों को भी अंतिम रूप देने के साथ ही भाजपा और संघ के बीच बेहतर समन्वय की रूपरेखा तय की जाएंगी. बैठक मे पिछले साल की गतिविधियों की रिपोर्ट, संघ की आगामी वर्ष की कार्य विस्तार योजना, संघ शिक्षा वर्ग और प्रासंगिक वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा की जानी है.
कई राज्यों में संगठन महामंत्री बदल सकता है संघ
संघ के उच्च पदस्थ सूत्र बताते है कि संघ इस बैठक में कई राज्यों में भाजपा में भेजे जाने वाले संगठन महामंत्रीयों को बदलने को लेकर भी फैसला हो सकता हैं. गौरतलब है कि भाजपा के कुछ राज्यों के संगठन महामंत्री विवादित हो चुके है और उनके कार्य और जीवनशैली को लेकर नकारात्मक खबरे भाजपा मुख्यालय से लेकर नागपुर स्थित संघ मुख्यालय तक पहुच चुकी हैं. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के संगठन महामंत्री विजय पुराणिक को कुछ माह पूर्व हटा दिया गया है और कुछ राज्यों के संगठन महामंत्रीयों के राज्यों को बदल दिया गया हैं. गुजरात में लंबे समय से संगठन महामंत्री रहे भीखु भाई को बिहार भेज दिया गया था. गुजरात के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी रत्नाकर को दी गई हैं.
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में आएंगे नए संगठन महामंत्री
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की माने तो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान में नए संगठन महामंत्री संघ भेज सकता हैं. महाराष्ट्र में अभी कोई पूर्णकालिन संगठन महामंत्री नहीं हैं और मध्यप्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत और राजस्थान के संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर भाजपा और संघ की उम्मीदों पर खरें नहीं उतरे हैं. पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा हार चुकी थी. इन तीनों राज्यों में हार का एक प्रमुख कारण संगठन की शिथिलता के रूप में भी देखा गया था.
मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से भाजपा फिर से सरकार बनाने में सफल रही. भाजपा और संघ नहीं चाहता की आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को फिर से हार का सामना करना पड़े और इस कारण संगठन को चुस्त दुरूस्त करने के लिए महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान के संगठन महामंत्रीयों को बदलने की सहमति संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच हो चुकी हैं.