रांची: ईसाई संगठन चाहता है कि आदिवासी ईसाई बन जाएं. हिंदू संगठन उन्हें अपने पाले में लाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हैं. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आगामी जनगणना में धर्म वाले कॉलम में आदिवासी अपना धर्म हिंदू लिखें. इसके लिए संघ देशभर में अभियान चलाएगा. देश के कई आदिवासी इलाकों में इसका विरोध हुआ. दिल्ली सहित कई राज्यों में आदिवासियों ने धरना दिया. उनकी मांग थी कि जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग कॉलम रखा जाए.
मोहन भागवत पांच दिन के दौरे पर झारखंड आये हुए हैं. गुरुवार 20 फरवरी को रांची में उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इससे फासीवाद की झलक मिलती है. उन्होंने यह भी कहा कि संघ में किसी लोभ से लोग न आएं. ये बीजेपी से टिकट पाने का रास्ता नहीं है. अगर ऐसा सोचेंगे तो जो उनके पास है, वो भी खो देंगे.
झारखंड में लंबे समय से आदिवासी अपने लिए सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. सरना धर्मगुरू बंधन तिग्गा कहते हैं, ‘मोहन भागवत के कहने भर से हम आदिवासी हिंदू धर्म नहीं अपनाने वाले हैं. बीते दो जनगणना में हमने अपना धर्म सरना लिखा है. झारखंड ही नहीं, कुल 21 राज्यों के आदिवासी ने सरना लिखा है. इस बार भी लिखेंगे.’