नई दिल्ली
भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास इस वक्त राज्यसभा की 114 सीटें है, जिसमें से भाजपा की 97 और नीतिश कुमार के जनता दल के पास 5, तमिलनाडु में सत्ता गंवा चुकी एआईएडीएमके के पास 5 अन्य छोटे दलों के पास 6 सीटें है, लेकिन वर्तमान की यह स्थिति कुछ महीनो बाद बदलने वाली है क्योकि अप्रैल से अगस्त के बीच राज्यसभा की 70 सीटों पर चुनाव होना है और इस चुनाव में भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान होना तय हैं.
सहयोगी दलों पर बढ़ेगी निर्भरता
भाजपा का साथ शिवसेना और पंजाब में अकाली छोड चुके है ऐसे में भाजपा के लिए आने वाला समय राज्यसभा में आसान नहीं होगा. भाजपा की पांच और सहयोगी दलों की 2 सीटें कम होना तय है ऐसे में भाजपा की सहयोगी दलों के साथ राज्यसभा में संख्या बल 114 से घट कर 107 पर आ जाएगी। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आने वाले हैं. यदि भाजपा को उत्तरप्रदेश में सीटों का तगड़ा नुकसान होता है तो भाजपा के लिए राज्यसभा में सीटें और कम हो जांएगी.
स्वामी और प्रभु को नहीं भेजेंगी भाजपा
भाजपा पर लगातार आक्रामक रहने वाले सुब्रमण्यम स्वामी और मोदी के पहले कार्यकाल में रेलमंत्री बनने वाले सुरेश प्रभु का कार्यकाल भी कुछ ही महीनों मे खत्म होने जा रहा हैं. भाजपा के सूत्र बताते है कि दोनों को फिर से मौका नहीं मिलेगा. सूत्र बताते है कि मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते गुजरात के संगठन प्रभारी रहे ओम माथुर को भी पार्टी राज्यसभा भेजने के मुड़ में नहीं हैं.
राजस्थान से भाजपा के चार राज्यसभा सांसदों ओम प्रकाश माथुर, राम कुमार वर्मा, हर्ष वर्धन सिंह और अल्फोंस का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है। अभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस के खाते में दो और BJP के खाते में एक ही सीट जाएगी, जबकि चौथी सीट के लिए कांग्रेस और BJP के बीच कड़ी टक्कर होना तय हैं. राजस्थान से भाजपा को नुकसान हो सकता हैं.
झारखंड से भी राज्यसभा से मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार की दो सीटों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। नकवी मोदी सरकार में मंत्री है ऐसे में उनको फिर से राज्यसभा भेजा जा सकता हैं. झारखंड में भाजपा को एक ही सीट मिलेगी
आंध्र प्रदेश से अभी 4 में से 3 सीटों पर BJP और एक पर YSR कांग्रेस का कब्जा है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के पास आंध्रप्रदेश से तीन सीटें इसलिए थीं, क्योंकि वो चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगु देशम पार्टी (TDP) के साथ गठबंधन में थी, लेकिन 2018 में यह गठबंधन टूट चुका है और अब आंध्र में YSR कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में यहां BJP की 3 सीटें कम होना तय है। चारों सीटों पर YSR कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य से छह राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा हो रहा है। 6 में से 3 सीट BJP के पास और 1-1 सीट NCP, कांग्रेस और शिवसेना के पास है। भाजपा से पीयूष गोयल, विनय सहस्रबुद्धे, विकास महात्मे सांसद है.पीयूष गोयल केन्द्र में मंत्री है ऐसे में उनका फिर से राज्यसभा जाना तय हैं. विनय सहस्त्रबुध्दे को फिर से मौका मिल सकता हैं. विकास महात्मे को भाजपा ड्राप कर सकती हैं. छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों में से एक भाजपा के पास है. लेकिन दोनों सीटें कांग्रेस को जाना तय हैं.
पांच राज्यों के परिणाम भी डालेगे राज्यसभा सीटो पर असर
जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए है उन राज्यों से भाजपा को अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना राज्यसभा में अपनी ताकत को बरकरार रखने के लिए जरूरी हैं, क्योंकि इन तीनों राज्यों के चुनाव सीधे तौर पर राज्यसभा के लिए 19 सीटों पर होने वाले चुनाव पर असर डालेंगे।
यदि इन राज्यों में भाजपा अपने सहयोगियों के साथ विधायकों की संख्या बढाने में सफल नही रही तो राज्यसभा में भाजपा की ताकत कम होना तय हैं. ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार को बिल पास कराना आसान नहीं होगा. वर्तमान में 19 सीटों में से 6 BJP, 5 कांग्रेस, 3 सपा, 3 शिरोमणि अकाली दल, 2 BSP के पास हैं।