दिल्ली ब्यूरों / झारखंड़ में सत्ता गवा चुकी भाजपा अब झारखंड़ में फिर से मजबूत होने और नाराज साथियों की घर वापसी करनें की रणनीति पर काम शुरू कर चुकी है। इसी रणनीति के तहत रविवार को झारंखड बीजेपी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि 17 फरवरी को जेवीएम का बीजेपी में विलय होना तय है। इसकी घोषणा एक दो दिन में हो सकती है।
जेपी नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बननें के बाद भाजपा में किसी बड़े नेता की घर वापसी की शुरूआत मंराडी से हो सकती है। गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद से ही बाबूलाल मरांडी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे. जेवीएम को तीन सीटों पर जीत मिली थी. पार्टी के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु टिर्की को कुछ दिन पहले बाबूलाल मरांडी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया था. प्रदीप यादव और बंधु टिर्की ने हेमंत सरकार को समर्थन दिया था. मराड़ी के दोनों निष्काशित विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। दोनों विधायकों के जल्द कांग्रेस का दामन थामनें की संभावना है।
मुख्यमंत्री रघुवरदास की हार के बाद सकतें में आए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने मराड़ी के वापसी का मन बनाया और इसका संदेश मराड़ी के फोन कर खुद जेपी नड्डा ने दिया। भाजपा के एक बड़े नेता की मानें तों मराड़ी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेंदारी दी जा सकती है या विधानसभा में पार्टी का नेता बनाया जा सकता है। और भविष्य में झारखंड़ में भाजपा की सत्ता आनें पर मुख्यमंत्री बनानें का वादा भाजपा कर सकती है।
झारखंड़ के कद्दावर नेता रहें अर्जुन मुंडा के मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद और हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास के हार के बाद भाजपा के पास मराड़ी को वापस भाजपा में लानें की मजबूरी थी।
मराड़ी के वापसी के बाद तय है कि रघुवर दास को प्रदेश में जगह नहीं दी जाएंगी और उन्हें केन्द्र में संगठन में जगह दी जा सकती है। बाबूलाल मराड़ी के झारखंड़ भाजपा के प्रदेश नेताओं से संबंध भी अच्छे रहें है, ऐसे में उनके विरोध की संभावना न के बराबर है।
